Courses

header ads

ArcMap में Weighted Sum का उपयोग

 

ArcMap में Weighted Sum का उपयोग

Weighted Sum टूल का उपयोग स्थानिक विश्लेषण (Spatial Analysis) और GIS मॉडलिंग में किया जाता है। यह कई रास्टर लेयर्स को विभिन्न भार (Weights) के साथ जोड़ने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह सूटेबिलिटी एनालिसिस (Suitability Analysis), जोखिम मूल्यांकन (Risk Assessment) और निर्णय लेने (Decision Making) में बहुत उपयोगी होता है।


Weighted Sum कैसे काम करता है?

  1. प्रत्येक इनपुट रास्टर (Raster) को उसके महत्व के अनुसार एक वेट (Weight) असाइन किया जाता है।

  2. प्रत्येक रास्टर के पिक्सेल मान (Pixel Values) को दिए गए भार (Weight) से गुणा किया जाता है।

  3. सभी रास्टर की वेटेड वैल्यू को जोड़कर अंतिम आउटपुट रास्टर तैयार किया जाता है।


ArcMap में Weighted Sum टूल का उपयोग कैसे करें?

  1. ArcMap खोलें और आवश्यक रास्टर लेयर्स को लोड करें।

  2. ArcToolboxSpatial Analyst ToolsOverlayWeighted Sum पर जाएं।

  3. Weighted Sum टूल में:

    • Input Rasters में आवश्यक रास्टर जोड़ें।

    • प्रत्येक रास्टर के लिए उसका वेट (Weight) सेट करें।

    • यदि आवश्यक हो तो रास्टर मानों को पुनः वर्गीकृत (Reclassify) करें।

  4. OK पर क्लिक करें और टूल को चलाएं।

  5. अंतिम आउटपुट रास्टर सभी इनपुट रास्टर का वेटेड जोड़ दर्शाएगा।


उदाहरण (Example Use Case)

भूमि उपयुक्तता विश्लेषण (Land Suitability Analysis)

  • मिट्टी के प्रकार (Soil Type), ऊँचाई (Elevation), और भूमि आवरण (Land Cover) जैसे कारकों को वेट देकर कृषि के लिए सबसे उपयुक्त स्थानों का निर्धारण।

जोखिम मूल्यांकन (Hazard Risk Assessment)

  • बाढ़ क्षेत्र (Flood Zones), ढलान (Slope), और जनसंख्या घनत्व (Population Density) जैसे कारकों को वेट देकर उच्च-जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान।


Weighted Sum टूल का उपयोग उपयुक्त जल संचयन (Water Harvesting) स्थलों की पहचान के लिए किया जा सकता है।

जल संचयन स्थलों के लिए Weighted Sum का उपयोग कैसे करें?

Step 1: आवश्यक कारक (Factors) का चयन करें
जल संचयन स्थलों की पहचान के लिए विभिन्न कारकों (Layers) का उपयोग किया जाता है, जैसे:

  1. ढलान (Slope) – समतल भूमि (Low Slope) जल संचयन के लिए उपयुक्त होती है।

  2. मिट्टी का प्रकार (Soil Type) – रेतीली मिट्टी की तुलना में चिकनी मिट्टी (Clayey Soil) पानी रोकने में बेहतर होती है।

  3. भूमि उपयोग/आवरण (Land Use/Land Cover - LULC) – कृषि भूमि, वन क्षेत्र, या खुले मैदान जल संचयन के लिए उपयुक्त हो सकते हैं।

  4. जल निकासी घनत्व (Drainage Density) – जिन क्षेत्रों में जल निकासी कम होती है, वे जल संचयन के लिए बेहतर होते हैं।

  5. वर्षा वितरण (Rainfall Distribution) – अधिक वर्षा वाले क्षेत्र जल संचयन के लिए अधिक उपयुक्त होते हैं।

  6. भूगर्भीय विशेषताएँ (Geology) – वह स्थान जहाँ जल अधोस्तर (Percolation) अच्छा हो, जल संचयन के लिए आदर्श होता है।


Step 2: कारकों को वेट देना (Assigning Weights to Factors)
प्रत्येक कारक को उसके प्रभाव के आधार पर एक Weight दिया जाता है। उदाहरण के लिए:

कारकवेट (%)
ढलान (Slope)25%
मिट्टी का प्रकार (Soil Type)20%
भूमि उपयोग (LULC)20%
जल निकासी घनत्व (Drainage Density)15%
वर्षा वितरण (Rainfall)10%
भूगर्भीय विशेषताएँ (Geology)10%

Step 3: ArcMap में Weighted Sum टूल का उपयोग करें

  1. ArcMap खोलें और सभी आवश्यक रास्टर लेयर्स को लोड करें।

  2. ArcToolbox → Spatial Analyst Tools → Overlay → Weighted Sum टूल खोलें।

  3. Input Rasters में सभी रास्टर लेयर्स को जोड़ें।

  4. प्रत्येक रास्टर को उपयुक्त वेट (%) असाइन करें।

  5. OK पर क्लिक करें और टूल को चलाएँ।

  6. आउटपुट रास्टर उन स्थानों को दिखाएगा जहाँ जल संचयन के लिए उच्च उपयुक्तता है।


परिणाम और उपयोग

✅ जल संचयन के लिए सबसे उपयुक्त क्षेत्र (High Suitability Zones) की पहचान।
✅ नहरें, तालाब, चेक डैम और जलाशय बनाने के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थानों की सिफारिश।
✅ जल संसाधन प्रबंधन और सतत विकास में सहायता।

निष्कर्ष: Weighted Sum तकनीक एक प्रभावी GIS-आधारित दृष्टिकोण है जो जल संचयन स्थलों के चयन में वैज्ञानिक सहायता प्रदान कर सकता है। 😊


ArcMap में Weighted Sum का उपयोग करके जल संचयन स्थलों की पहचान – एक व्यावहारिक उदाहरण

इस केस स्टडी में हम ArcMap में Weighted Sum टूल का उपयोग करके जल संचयन के लिए उपयुक्त स्थानों की पहचान करेंगे।


📌 चरण 1: अध्ययन क्षेत्र का चयन (Study Area Selection)

उदाहरण के लिए, हम बिहार के किसी जिले को लेते हैं, जहाँ जल संचयन की आवश्यकता है। इस क्षेत्र के डिजिटल एलीवेशन मॉडल (DEM), मिट्टी, भूमि उपयोग, वर्षा, और जल निकासी डेटा की जरूरत होगी।


📌 चरण 2: आवश्यक डेटा संग्रह (Data Collection)

नीचे दी गई तालिका में आवश्यक इनपुट डेटा स्रोतों और उनके उपयोग को दर्शाया गया है:

डेटा लेयरस्रोत (Source)उद्देश्य
ढलान (Slope)SRTM DEM या ASTER DEMजल संचयन के लिए समतल क्षेत्रों की पहचान
मिट्टी का प्रकार (Soil Type)NBSS & LUP / ISROमिट्टी की जल धारण क्षमता की जाँच
भूमि उपयोग/आवरण (LULC)Landsat / Sentinel-2कृषि, वन, और बंजर भूमि की पहचान
जल निकासी घनत्व (Drainage Density)Survey of India / DEMजल निकासी वाले क्षेत्र
वर्षा वितरण (Rainfall Distribution)IMD (भारतीय मौसम विभाग)वर्षा प्रवृत्ति का विश्लेषण
भूगर्भीय विशेषताएँ (Geology)GSI (Geological Survey of India)जल संचयन की संभावनाएँ

📌 चरण 3: डेटा प्रोसेसिंग और रास्टर लेयर्स बनाना

  1. DEM से Slope बनाना:

    • ArcToolbox → Spatial Analyst Tools → Surface → Slope

    • कम ढलान (Low Slope) = उच्च उपयुक्तता

  2. Drainage Density निकालना:

    • Hydrology Tools → Stream Order से नदियों का घनत्व निकालें।

    • कम घनत्व (Low Drainage Density) = उच्च उपयुक्तता

  3. LULC क्लासिफिकेशन करना:

    • Supervised Classification के जरिए LULC निकालें।

    • कृषि भूमि और घास के मैदान = उच्च उपयुक्तता


📌 चरण 4: वेटेड सम (Weighted Sum) लागू करना

प्रत्येक कारक को उसकी प्रभावशीलता के आधार पर वेट दिया जाता है:

कारकवेट (%)
ढलान (Slope)30%
मिट्टी का प्रकार (Soil Type)20%
भूमि उपयोग (LULC)20%
जल निकासी घनत्व (Drainage Density)15%
वर्षा (Rainfall)10%
भूगर्भीय विशेषताएँ (Geology)5%

ArcMap में Weighted Sum टूल का उपयोग करें

  1. ArcToolbox → Spatial Analyst Tools → Overlay → Weighted Sum

  2. सभी रास्टर लेयर्स को जोड़ें।

  3. हर रास्टर को ऊपर दिए गए Weight (%) के अनुसार असाइन करें।

  4. OK पर क्लिक करें और टूल को चलाएँ।


📌 चरण 5: आउटपुट व्याख्या (Result Interpretation)

  • आउटपुट रास्टर में उच्च मूल्यों (High Values) वाले क्षेत्र जल संचयन के लिए सबसे उपयुक्त होंगे।

  • कम मूल्यों (Low Values) वाले क्षेत्र जल संचयन के लिए कम उपयुक्त होंगे।

🔍 संभावित जल संचयन संरचनाएँ (Water Harvesting Structures)

  • उच्च उपयुक्तता वाले क्षेत्र: तालाब (Ponds), चेक डैम (Check Dams), जलाशय (Reservoirs) बनाना।

  • मध्यम उपयुक्तता वाले क्षेत्र: खेत तालाब (Farm Ponds) और परकोलेशन टैंक (Percolation Tanks)।

  • कम उपयुक्तता वाले क्षेत्र: जल संचयन के लिए कम प्रभावी।


📌 निष्कर्ष (Conclusion)

Weighted Sum GIS मॉडल का उपयोग करके जल संचयन के लिए सर्वोत्तम स्थानों की पहचान की जा सकती है।
✅ इस प्रक्रिया को भारत में सस्टेनेबल वाटर मैनेजमेंट और कृषि विकास के लिए उपयोग किया जा सकता है।
✅ सरकार और पंचायत स्तर पर इसे जल संरक्षण योजनाओं (Water Conservation Planning) में शामिल किया जा सकता है।



रोहतास जिला में जल संचयन स्थलों की पहचान के लिए GIS-आधारित Weighted Sum विश्लेषण

रोहतास जिला, बिहार का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जहाँ जल संसाधन प्रबंधन की आवश्यकता है। यहाँ हम GIS तकनीक और Weighted Sum विश्लेषण का उपयोग करके जल संचयन के उपयुक्त स्थलों की पहचान करेंगे।


1. अध्ययन क्षेत्र का परिचय

  • भौगोलिक स्थिति:
    रोहतास जिला बिहार के दक्षिण-पश्चिमी भाग में स्थित है, जिसकी सीमा उत्तर में भोजपुर, पूर्व में औरंगाबाद, दक्षिण में पलामू (झारखंड) और पश्चिम में कैमूर जिलों से मिलती है।

  • जलवायु:
    यह क्षेत्र उप-उष्णकटिबंधीय जलवायु वाला है, जहाँ गर्मी के मौसम में उच्च तापमान और मानसून के दौरान पर्याप्त वर्षा होती है।


2. आवश्यक डेटा संग्रहण

डेटा लेयरस्रोतउद्देश्य
ढलान (Slope)SRTM DEM (90m)समतल या कम ढलान वाले क्षेत्रों की पहचान
मिट्टी का प्रकार (Soil Type)NBSS & LUPमिट्टी की जल धारण क्षमता का मूल्यांकन
भूमि उपयोग/आवरण (LULC)Landsat 8कृषि, वन, और बंजर भूमि की पहचान
जल निकासी घनत्व (Drainage Density)Survey of India टोपोशीट्सजल निकासी पैटर्न का विश्लेषण
वर्षा वितरण (Rainfall Distribution)IMD डेटावर्षा की मात्रा और वितरण का अध्ययन
भूगर्भीय विशेषताएँ (Geology)GSI मैप्सभूगर्भीय संरचनाओं का मूल्यांकन

3. डेटा प्रोसेसिंग और रास्टर लेयर्स निर्माण

  • DEM से Slope निकालना:

    • ArcToolbox → Spatial Analyst Tools → Surface → Slope का उपयोग करें।

    • कम ढलान वाले क्षेत्र जल संचयन के लिए उपयुक्त माने जाते हैं।

  • Drainage Density की गणना:

    • Hydrology Tools का उपयोग करके जल निकासी नेटवर्क निकालें और उनकी घनत्व की गणना करें।

    • कम जल निकासी घनत्व वाले क्षेत्र जल संचयन के लिए अधिक उपयुक्त होते हैं।

  • LULC क्लासिफिकेशन:

    • Supervised Classification तकनीक का उपयोग करके भूमि उपयोग/आवरण मैप तैयार करें।

    • कृषि भूमि, घास के मैदान, और बंजर भूमि जल संचयन के लिए उपयुक्त मानी जाती हैं।


4. कारकों को वेट असाइनमेंट और Weighted Sum विश्लेषण

प्रत्येक कारक को उसकी महत्वपूर्णता के आधार पर वेट असाइन करें:

कारकवेट (%)
ढलान (Slope)30%
मिट्टी का प्रकार (Soil Type)20%
भूमि उपयोग/आवरण (LULC)20%
जल निकासी घनत्व (Drainage Density)15%
वर्षा वितरण (Rainfall Distribution)10%
भूगर्भीय विशेषताएँ (Geology)5%

Weighted Sum टूल का उपयोग:

  1. ArcToolbox → Spatial Analyst Tools → Overlay → Weighted Sum खोलें।

  2. सभी प्रोसेस्ड रास्टर लेयर्स को जोड़ें।

  3. प्रत्येक लेयर को उपरोक्त वेट के अनुसार असाइन करें।

  4. टूल रन करें और आउटपुट रास्टर प्राप्त करें।


5. परिणामों की व्याख्या

  • उच्च उपयुक्तता वाले क्षेत्र:

    • तालाब, चेक डैम, और जलाशयों के निर्माण के लिए सर्वोत्तम।

  • मध्यम उपयुक्तता वाले क्षेत्र:

    • खेत तालाब और परकोलेशन टैंक्स के लिए उपयुक्त।

  • कम उपयुक्तता वाले क्षेत्र:

    • जल संचयन के लिए कम प्राथमिकता वाले।


6. निष्कर्ष

GIS-आधारित Weighted Sum विश्लेषण का उपयोग करके, रोहतास जिले में जल संचयन के लिए उपयुक्त स्थलों की प्रभावी पहचान की जा सकती है। यह प्रक्रिया जल संसाधन प्रबंधन और सतत विकास के लिए महत्वपूर्ण है।