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संसाधन और विकास

 

 संसाधन और विकास 

🌿 संसाधन क्या हैं?

संसाधन वे वस्तुएँ हैं जो मनुष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उपयोगी होती हैं।

🔹 संसाधनों की विशेषताएँ:

  • उपयोगिता (Utility)
  • तकनीकी सुलभता (Technical feasibility)
  • आर्थिक लाभ (Economic viability)

🌎 संसाधनों का वर्गीकरण

🔥 1. मूल (उत्पत्ति) के आधार पर:

  • जैविक संसाधन (Biotic): जीवित स्रोत, जैसे- पौधे, जानवर, मानव।
  • अजैविक संसाधन (Abiotic): निर्जीव स्रोत, जैसे- मिट्टी, जल, वायु, खनिज।

🗺️ 2. नवीकरणीयता के आधार पर:

  • नवीकरणीय संसाधन (Renewable): समय के साथ पुनः प्राप्त हो सकते हैं, जैसे- सूर्य की ऊर्जा, जल, पवन।
  • अवनवीकरणीय संसाधन (Non-renewable): सीमित मात्रा में पाए जाते हैं, जैसे- कोयला, पेट्रोलियम, खनिज।

🏡 3. स्वामित्व के आधार पर:

  • व्यक्तिगत (Private): खेत, घर, पशु।
  • सामुदायिक (Community): सार्वजनिक पार्क, कब्रिस्तान, गाँव के तालाब।
  • राष्ट्रीय (National): सड़कें, रेलवे, खनिज।
  • अंतर्राष्ट्रीय (International): समुद्री क्षेत्र आदि।

🌐 4. विकास के स्तर के आधार पर:

  • संभावित संसाधन (Potential): उपलब्ध लेकिन अभी उपयोग में नहीं।
  • विकसित संसाधन (Developed): पूरी तरह से खोजे और उपयोग में लाए गए संसाधन।
  • भंडारित संसाधन (Stock): तकनीकी कारणों से वर्तमान में उपयोग नहीं किए जा रहे।
  • सार्वभौमिक संसाधन (Reserve): भविष्य के लिए सुरक्षित रखे गए संसाधन।

🌿 संसाधनों के अति-उपयोग के प्रभाव:

  • पारिस्थितिकी असंतुलन
  • भूमि का क्षरण
  • जलवायु परिवर्तन
  • संसाधनों की कमी

♻️ संसाधनों का सतत विकास:

संसाधनों का इस प्रकार उपयोग करना कि वर्तमान आवश्यकताओं को पूरा करते हुए भविष्य की पीढ़ियों की आवश्यकताओं से समझौता न हो।

🔑 सतत विकास के उपाय:

  • संसाधनों का न्यायपूर्ण वितरण
  • अपशिष्ट प्रबंधन
  • ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों का प्रयोग
  • पुनर्चक्रण और पुनः उपयोग (Recycle and Reuse)

🏞️ भारत में संसाधनों का वितरण:

  • पश्चिमी राजस्थान: पवन और सौर ऊर्जा
  • पंजाब और हरियाणा: उपजाऊ मिट्टी
  • गंगा-ब्रह्मपुत्र के मैदान: जल और उपजाऊ मिट्टी
  • अरावली और हिमालय: खनिज और वन संसाधन

🏔️ भूमि संसाधन और इसका उपयोग:

  • भूमि उपयोग के प्रकार: कृषि, वन, चरागाह, बंजर भूमि, आवासीय, औद्योगिक।
  • भूमि उपयोग को प्रभावित करने वाले कारक:
    • प्राकृतिक कारक: स्थलाकृति, जलवायु
    • मानव निर्मित कारक: जनसंख्या, प्रौद्योगिकी, संस्कृति

🌾 भूमि क्षरण और संरक्षण के उपाय:

भूमि क्षरण के कारण:

  • वनों की कटाई
  • अत्यधिक चराई
  • खनन गतिविधियाँ
  • औद्योगीकरण

संरक्षण के उपाय:

  • वनीकरण
  • खेती की समोच्च विधि (Contour Ploughing)
  • बाढ़ नियंत्रण
  • उचित खनन तकनीकों का उपयोग

मृदा (मिट्टी) संसाधन:

🌱 मृदा के प्रकार:

  • जलोढ़ मिट्टी: उपजाऊ, गंगा-ब्रह्मपुत्र के मैदानों में।
  • काली मिट्टी: कपास उत्पादन के लिए उपयुक्त, दक्कन पठार में।
  • लाल मिट्टी: लौह तत्वों से युक्त, दक्षिणी और पूर्वी भारत में।
  • पर्वतीय मिट्टी: पहाड़ी इलाकों में, चाय और कॉफी के लिए उपयुक्त।
  • जलोढ़ मिट्टी: बाढ़ क्षेत्रों में पाई जाती है।

🌿 मिट्टी संरक्षण के उपाय:

  • फसल चक्रण
  • समोच्च जुताई
  • पवनरोधी वृक्षारोपण
  • टेरेस खेती