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नर्मदा बचाओ आंदोलन से आप क्या समझते हैं?

मानव जीवन के लिए जल एक अत्यंत महत्वपूर्ण संसाधन है, जो हमारी जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ हमारे पर्यावरण और जीवन के समर्थन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नर्मदा नदी भारत की महत्वपूर्ण नदियों में से एक है जो मध्य प्रदेश, गुजरात, और महाराष्ट्र राज्यों से होकर बहती है। इस नदी पर सर्वाधिक ऊंचा बांध – सरदार सरोवर बांध का निर्माण हुआ था।

नर्मदा बचाओ आंदोलन के समर्थकों ने इस बांध के निर्माण के खिलाफ आवाज उठाया क्योंकि इस बांध के निर्माण से लाखों लोगों को उनके घरों और जमीनों से निकाला जाना था। इसके अलावा, बांध के निर्माण से प्रभावित क्षेत्रों के लोगों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ने की संभावना थी।

नर्मदा बचाओ आंदोलन ने सरदार सरोवर बांध के निर्माण के लिए सरकार को अलग-अलग स्तरों पर विरोध करने के साथ-साथ एक बड़े समर्थन मुहिम भी चलाया।

आंदोलन के समर्थक लोगों ने नर्मदा नदी की महत्ता को बताते हुए इस नदी को बचाने की मांग उठाई और उन्होंने सरकार से अपील की कि सरदार सरोवर बांध के निर्माण से प्रभावित होने वाले लोगों के लिए एक न्यायपूर्ण समाधान ढूंढा जाए। इसके अलावा, उन्होंने इस बांध के निर्माण से होने वाले पर्यावरणीय प्रभावों को भी उठाया और सरकार से नदी के पार के लोगों के हितों को सुनिश्चित करने की मांग की।

इस आंदोलन में लोगों ने नर्मदा नदी के उत्थान और संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाने के लिए अनेक आंदोलन और प्रदर्शन किए। इसके अलावा, उन्होंने अदालती लड़ाई भी लड़ी जिसमें सरदार सरोवर बांध के निर्माण से प्रभावित होने वाले लोगों के लिए न्याय के लिए लड़ाई जारी रखी। आज भी नर्मदा बचाओ आंदोलन कई संगठनों द्वारा संचालित होता है जो नर्मदा नदी को बचाने के लिए निरंतर संघर्ष जारी रखते हैं।