किसी देश के तट रेखा से 200 KM की दूरी तक का क्षेत्र को अपवर्जक आर्थिक क्षेत्र कहा जाता है । समुद्र या महासागर का वह क्षेत्र जिस पर तटीय देश को अन्वेषण और समुद्री संसाधनों का विशेष अधिकार होता है, अपवर्जक आर्थिक क्षेत्र कहलाता है।
किसी देश की तट रेखा से 200 कि.मी. की दूरी तक का क्षेत्र अपवर्जक आर्थिक क्षेत्र कहलाता है। इस सीमा के अंदर आने वाले संसाधन देश के संसाधन होते हैं जैसे कि भूमि, खनिज पदार्थ, जल संसाधन, वन व वन्यजीव एवं समुद्री जीव। ये संसाधन राष्ट्रीय संसाधन कहलाते हैं। देश की सरकार को वैधानिक हक है कि वे व्यक्तिगत संसाधनों का अधिग्रहण आम जनता के हित में कर सकती है।
Note- भारत को अपवर्जक आर्थिक क्षेत्र से दूर हिन्द महासागर में मैगनिज उत्खनन का अधिकार प्राप्त है ।