संसाधनों का विकेपूर्ण उपयोग ही संसाधन नियोजन कहलाता है । संसाधनों के दुरुपयोग को कम कर के वर्तमान विकास के साथ – साथ आने वाली पिढी के लिए भी संसाधनों को संरक्षित कर सकते है । संसाधन नियोजन एक जटिल प्रक्रिया है । जिसे चरणबंध तरिको से पूरा किया जाता है । वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखकर किसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए भविष्य की रुपरेखा तैयार करने के लिए आवश्यक क्रियाकलापों के बारे में चिन्तन करना आयोजन या नियोजन (Planning) कहलाता है।
- संसाधनो का पहचान करना ।
- संसाधनों का सर्वेक्षण ।
- मानचित्र तैयार करना ।
- संसाधनों का गुणात्मक तथा मात्रात्मक आकलन करना ।
- देश में उपलब्ध तकनिक , कौशल तथा संस्थागत डाचा के आधार पर नियोजन करना ।
- राष्ट्रीय विकास योजना तथा संसाधन विकास योजना मे सम्बंध स्थापित करना ।
संसाधन नियोजन का महत्व क्या है?
निम्नलिखित कारणों से संसाधन नियोजन होना आवश्यक है-:
- यह देश के विभिन्न क्षेत्रों में मौजूद विभिन्न संसाधनों की पहचान करने में मदद करता है।
- यह विभिन्न गैर-नवीकरणीय/बुझाने योग्य संसाधनों के संरक्षण में मदद करता है।
- यह संसाधनों की बर्बादी को कम करने में मदद करता है।
नियोजन का उद्देश्य क्या है?
नियोजन हमें उन चीजों को पहले से देखने में मदद करता है जो हमें हमारे लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद कर सकती हैं और वे चीजें जो हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने से रोक सकती हैं और यह पता लगाती हैं कि उनके बारे में क्या करना है। नियोजन हमें जो कुछ भी करते हैं उसके लिए जवाबदेह होने में मदद करता है।