Type Here to Get Search Results !

जल संकट क्या है ?

VIDYA MANDIR

जब किसी क्षेत्र में जल उपयोग की माँग बढ़ जाये तथा आपूर्ति कम हो जाये एवं जल संसाधनों द्वारा भी इसकी पूर्ति न की जा सके, तो उस क्षेत्र में निवास करने वाले लोग पानी की कमी से जूझने लगते हैं। पानी की इस कमी को जल संकट के नाम से जाना जाता है।

जल संकट एक ऐसी स्थिति होती है जब उपलब्ध जल की मात्रा आवश्यकताओं से कम होती है। यह एक सामान्य समस्या है जो जीवन और विकास के लिए अनुचित जल संचयन, नकारात्मक पर्यावरणीय परिवर्तनों, जल प्रदूषण, जल उत्पादन की कमी, सुदूर स्थानों के अधिक आवास और बढ़ती जनसंख्या जैसे कई कारणों से होती है। जल संकट समस्त मानव समुदाय के लिए खतरनाक हो सकता है और उससे आने वाली समस्याओं में से कुछ हैं: स्वस्थ्य समस्याएं, खाद्य सुरक्षा, घरेलू जल संचय, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की असमर्थता, अर्थव्यवस्था की विपरीत प्रभाव, विविधता और पारिस्थितिक बदलाव।

जल संकट एक स्थिति है जब जल संसाधन की उपलब्धता में कमी होती है या जल की गुणवत्ता नीची होती है। यह समस्या अक्सर सूखे के कारण उत्पन्न होती है, जिसमें जल स्रोतों की मात्रा कम होती है या जल का उपयोग ज्यादा होता है। जल संकट के कारण लोगों को नल से पानी मिलने में दिक्कत होती है, जो स्वस्थ जीवन के लिए जरूरी होता है। यह भी संभव है कि जल संकट से आर्थिक नुकसान भी हो सकते हैं, जैसे कि कृषि उत्पादन, उद्योग और पर्यटन आदि के क्षेत्र में। इसलिए, जल संकट को दूर करने के लिए जल संसाधन को बचाने और सुरक्षित करने के उपायों पर ध्यान देना जरूरी है।

जल संकट के कारण-

  • जल की उपलब्‍धता में कमी आना।
  • उपलब्‍ध जल के उपयोगी न होना ।
  • औद्यौगिक रूप से जल का अधिक दोहन होना ।
  • उन्‍नत कृषि के नाम पर आवश्‍यकता से अधिक जल का दोहन होना ।

जल संकट के परिणाम –

  • खाद्य असुरक्षा: कृषि क्षेत्र में अत्यधिक जल की आवश्यकता होती है तथा जल खाद्य सुरक्षा की कुंजी है।
  • जल संघर्ष और प्रवासन: जल की कमी से आजीविका का संकट उत्पन्न होगा जो प्रवासन को बढ़ावा देगा।
  • आर्थिक अस्थिरता: विश्व बैंक के अनुसार, जल की कमी के चलते कई देशों की GDP प्रभावित होगी और आर्थिक समस्याओं में भी वृद्धि हो सकती है।
  • जैव विविधता की हानि: जल संकट से पेड़-पौधों को नुकसान पहुँचने के साथ ही जीव-जंतुओं पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  • कानून-व्यवस्था बिगड़ने के आसार: प्रायः देखा गया है कि जल संकट वाले क्षेत्रों में उपलब्ध जल स्रोतों पर कब्ज़े को लेकर कई बार हिंसक झड़प हो जाती है। पिछले कई वर्षों से भीषण जल संकट का सामना करने वाले महाराष्ट्र के लातूर ज़िले में प्रशासन को धारा 144 लगानी पड़ी है।

डे ज़ीरो क्या है ?

दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन शहर में पानी के उपभोग को सीमित और प्रबंधित करने हेतु सभी लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिये डे ज़ीरो के विचार को पेश किया गया था ताकि जल के उपयोग को सीमित करने संबंधी प्रबंधन और जागरूकता को बढ़ाया जा सके।