
संसाधन
पृथ्वी पर उपलब्ध सभी वस्तुएं जो हमारी जरुरतो को पूरा करते हैं या पूरा करने में सहायता करते हैं उसे संसाधन कहते हैं जिमरमैन के शब्दों में संसाधन होते नहीं बल्कि बनाए जाते हैं । संसाधन किसी भी देश के आर्थिक सामाजिक तथा सांस्कृतिक स्थिति के प्रतीक माने जाते हैं । वर्तमान समय में सेवा को भी संसाधन के अंतर्गत ही रखा जाता है समय में परिवर्तन के साथ मानव की जीवन यापन करने के तौर तरीके बदलते रहते हैं जिसे हम लोग सांस्कृतिक संसाधन के रूप में मानते हैं ।

संसाधनों के वर्गीकरण का आधार
- उत्पत्ति के आधार पर
- जैव संसाधन
पृथ्वी पर उपलब्ध सभी संसाधन जिन की उत्पत्ति जीवों के हुई है जिसमें सजीवों के लक्षण पाए जाते हैं तथा मानव की आवश्क्ताओं को पूरा करते हैं या पूरा करने की कोशिश करते हैं वे सभी संसाधन को जैव संसाधन कहते हैं ।
- अजैव संसाधन
पृथ्वी पर उपलब्ध वे सभी वस्तुए जिसमें जीवो का कोई अंश नहीं होता है और वह हमारी जरूरतों को पूरा करते हैं या पूरा करने में हमारी सहायता करते हैं जिन की उत्पत्ति जीवो से नहीं होती ऐसे संसाधन को अजैव संसाधन कहते हैं ।
2. उपयोगिता के आधार पर
- नवीकरणीय संसाधन
पृथ्वी पर उपलब्ध संसाधन जिनका बार बार उपयोग किया जा सकता है उसे हम लोग नवीकरणीय संसाधन कहते हैं इस प्रकार के संसाधनों का भौतिक रासायनिक तथा जैविक प्रक्रियाओं द्वारा नवीनीकरण होता रहता है जिसके कारण इसका हम लोग बार-बार उपयोग कर सकते हैं । उदाहरण के लिए जल विद्युत ज्वारीय ऊर्जा पवन ऊर्जा सौर ऊर्जा आदि ।
- अनवीकरणीय संसाधन
पृथ्वी पर उपलब्ध वह संसाधन जिसका एक बार उपयोग करने के बाद वे समाप्त हो जाते हैं जिनका किसी भी प्रकार के भौतिक रासायनिक तथा जैविक प्रक्रियाओं द्वारा दोबारा प्राप्त नहीं किया जा सकता है उसे दोबारा प्राप्त करने में लाखों करोड़ों का समय लग जाता है ऐसे संसाधन को अनवीकरणीय संसाधन कहते हैं ।

3. स्वामित्व के आधार पर
- व्यक्तिगत संसाधन
व्यक्तिगत संसाधन उस संनसाधन को कहा जाता है जो किसी निजी व्यक्ति की संपत्ति होती है और उस संपत्ति पर एक व्यक्ति का निजी अधिकार होता है । ऐसे संसाधन को व्यक्तिगत संसाधन या निजी संसाधन कहा जाता है । उदाहरण के लिए किसी व्यक्ति के जमीन घर गाड़ी आदि ।
- सामुदायिक संसाधन
वे संसाधन जिस पर किसी समुदाय विशेष का अधिकार होता है सामुदायिक संसाधन के अंतर्गत रखा जाता है । जैसे किसी गांव या शहर का मंदिर हिंदू समुदाय के पूजा स्थल होते हैं मस्जिद मुस्लिम समुदाय के लोगों का इबादत का जगह होता है तथा गिरजाघर ईसाई समुदाय के लोगों का प्रार्थना स्थल होता है किसी गांव का पार्क या खेल का मैदान उस गांव के सभी लोगों के लिए सामुदायिक संसाधन होते हैं ।
- राष्ट्रीय संसाधन
किसी देश या राष्ट्र के भीतर रहने वाले सभी प्रकार के लोग तथा प्रत्येक वस्तु उस देश का राष्ट्रीय संसाधन होता है । राष्ट्रीय संसाधन का देश के हित में जरूरत पड़ने पर उपयोग किया जाता है तथा किया जा सकता है । उदाहरण के लिए किसी के निजी जमीन को भी सरकार रेल मार्ग बनाने के लिए उपयोग कर सकती है ।
- अंतर्राष्ट्रीय संसाधन
किसी भी देश की तट रेखा से दो सौ किलोमीटर के बाद के क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय संसाधन के तौर पर मान्यता दी गई है । खुले समुद्री क्षेत्र अंतर्राष्ट्रीय संसाधन के अंतर्गत आते हैं यहां पर किसी भी तरह की संसाधन के विदोहन करने का अधिकार किसी भी देश के पास नहीं होता ।
4. विकास के आधार पर
- संभावित संसाधन
संभाव्य संसाधन:-वे संसाधन जिनकी सम्पूर्ण मात्रा ज्ञात नहीं हो सकती है और इस समय पर्याप्त प्रौद्दोगिकी के अभाव में इनका प्रयोग नहीं किया जा रहा है।इनका उपयोग भविष्य में किया जा सकता है। जैसे-लद्दाख में पाया जाने वाला यूरेनियम।
- विकसित सांसाधन
वैसे संसाधन जो प्रचूरता में उपलब्ध हैं परंतु सही तकनीकि के विकसित नहीं होने के कारण उनका उपयोग नहीं हो पा रहा है, भंडार कहलाते हैं। जैसे- वायुमंडल में हाइड्रोजन उपलब्ध है, जो कि उर्जा का एक अच्छा श्रोत हो सकता है, परंतु सही तकनीकि उपलब्ध नहीं होने के कारण उनका उपयोग नहीं हो पा रहा है।
- भंडार संसाधन
कुछ ऐसे संसाधन होते हैं जो उपलब्ध तो हैं लेकिन उनके सही इस्तेमाल के लिये हमारे पास उचित टेक्नॉलोजी का अभाव है। ऐसे संसाधन को भंडार कहते हैं। उदाहरण: हाइड्रोजन ईंधन। अभी हमारे पास हाईड्रोजन ईंधन के इस्तेमाल लिये उचित टेक्नॉलोजी नहीं है।
- संचित कोष संसाधन
ऐसे संसाधन भंडार जिसे उपलब्ध तकनीक के आधार पर प्रयोग में लाया जा सकता है भविष्य की यह पूंजी है। नदी जल भविष्य में जल विधुत उत्पन्न करने में उपयुक्त हो सकते है। ऐसे व् वन में या बांधों में जल के रूप में संचित है।