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हरित क्रांति से आप क्या समझते हैं ?

 


नॉरमन बोरलॉग हरित क्रांति के प्रवर्तक माने जाते हैं लेकिन भारत में हरित क्रांति लाने का श्रेय सी सुब्रमण्यम को जाता है. एम ऐस स्वामीनाथन एक जाने माने वनस्पति विज्ञानी थे जिन्होंने हरित क्रान्ति लाने के लिए सी सुब्रमण्यम के साथ काम किया ।भारत की नई कृषि नीति सन् 1967-68 में लागू की गई, जिसमें अधिक उपज देने वाले बीजों को बोया गया तथा कृषि की नई तकनीकों का प्रयोग किया गया, जिससे फसल उत्पादन में तीव्र वृद्धि हुई, इसे ही हरित क्रांति कहा जाता है।

इसकी विशेषताएँ निम्न हैं-

  1. कृषकों को नवीन, परिष्कृत एवं विकसित बीज उपलब्ध कराकर उन्हें इनका अधिकाधिक प्रयोग करने के लिए प्रयास किया।
  2. रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग किसानों को करने के लिए दिया गया, जिससे फसल उत्पादन में तीव्रता से वृद्धि हुई।
  3. सिंचाई की सुविधाएँ सुलभ कराई गई।
  4. फसलों एवं फसलों से संबंधित अन्य जानकारियाँ कृषकों को देने का प्रयास किया गया।
  5. उन्हें आधुनिक ढंग से खाद बनाने और उनका अधिकाधिक प्रयोग करने के लिए कहा गया।