मलमास क्या है?
हिंदू पंचांग में मलमास को अधिक मास भी कहा जाता है। यह एक विशेष माह होता है जो हर 2 साल 8 महीने 25 दिन के बाद आता है।
कारण –
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हिंदू पंचांग (चंद्र कैलेंडर) और सूर्य कैलेंडर (सौर वर्ष) में कुछ अंतर होता है।
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सूर्य वर्ष लगभग 365 दिन 6 घंटे का होता है जबकि चंद्र वर्ष 354 दिन का होता है।
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इस अंतर को संतुलित करने के लिए हर 2 साल 8 महीने बाद एक अतिरिक्त माह जोड़ दिया जाता है, जिसे मलमास / अधिक मास कहते हैं।
महत्व –
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यह माह पूरी तरह से भगवान विष्णु की उपासना को समर्पित होता है।
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इस महीने में विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण, मुंडन आदि शुभ कार्य नहीं किए जाते।
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लेकिन दान, जप, तप, कथा, कीर्तन, व्रत आदि करने का विशेष महत्व होता है।
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मान्यता है कि मलमास में पूजा-पाठ और दान करने से अनंत पुण्य प्राप्त होता है।
नामकरण –
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इसे "मलमास" इसलिए कहा जाता है क्योंकि प्राचीन समय में लोग इसे अशुभ मानते थे।
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बाद में संतों और ग्रंथों में इसे "अधिक मास" (अधिक पुण्य देने वाला) कहा जाने लगा।
👉 सरल भाषा में कहा जाए तो –
मलमास वह अतिरिक्त महीना है जो चंद्र और सूर्य वर्ष के अंतर को पूरा करने के लिए जोड़ा जाता है। यह माह अशुभ कार्यों के लिए वर्जित लेकिन धार्मिक कार्यों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
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